Skip to content

24 घंटे में केजरीवाल को कोर्ट से दूसरा झटका

शराब घोटाले केस में फसे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिकाएं लगातार कोर्ट में ख़ारिज की जा रही हैं। अभी एक दिन पहले ही जहाँ हाई कोर्ट ने दिल्ली सीएम की एक याचिका को ख़ारिज किया था तो वहीँ अब कोर्ट ने एक और बार अरविंद केजरीवाल को झटका दे दिया हैं। दरअसल, अब उनकी दूसरी याचिका को भी कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया हैं।

24 घंटे में दूसरी याचिका हुई ख़ारिज

बता दें कि, पिछले 24 घंटे में अरविंद केजरीवाल को कोर्ट द्वारा दो बड़े झटके मिले हैं। कल जहाँ हाई कोर्ट ने दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ़्तारी के विरोध में आई याचिका को ख़ारिज किया था तो वहीँ दूसरी तरफ अब राउज एवेन्यू कोर्ट ने उनकी दूसरी याचिका को भी ख़ारिज कर दिया हैं जिसमे अरविंद केजरीवाल ने अपने वकीलों से हफ्ते में 5 पांच बार मुलाकात करने की मांग की थी जिसको अब कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया हैं। बता दें कि, अभी तक अरविंद केजरीवाल को हफ्ते में बस 2 बार ही अपने वकीलों से मिलने की इज़्ज़त हैं। हालाँकि, केजरीवाल के वकील विवेक जैन का कहना है कि, अरविंद केजरीवाल किसी राहत की मांग नहीं कर रहे हैं। सीएम सिर्फ कई अदालतों में चल रहे उनके खिलाफ मुकदमों को लेकर वकीलों के साथ बैठक करना चाहते हैं। वहीँ इससे पहले सीएम के वकील विवेक जैन ने कहा था कि, केजरीवाल के खिलाफ 35 से 40 मामले चल रहे है और किसी व्यक्ति को समझने और निर्देश देने के लिए सप्ताह में एक घंटा पर्यापत नहीं हैं। ये सब बुनियादी क़ानूनी अधिकार हैं, जिसके तहत केजरीवाल अपने वकील से मिलने की मांग कर रहे हैं। बता दें कि, एडवोकेट विवेक जैन ने ये भी बताया था कि, संजय सिंह को 3 बैठकों की अनुमति तब दी गई थी जब उनके खिलाफ 5 से 8 मामले दर्ज थे।

ED ने भी दिया अपना तर्क

सीएम अरविंद केजरीवाल की याचिका के खिलाफ Ed की और से पेश हुए वकील का कहना है कि, केजरीवाल 5 क़ानूनी बैठकों की मांग कर रहे है, जो की जेल मैन्युअल के खिलाफ हैं। जब कोई व्यक्ति जेल में होता है, तो बहार उसका कद अप्रासंगिक होता है और उसके साथ समान व्यवहार किया जाता हैं। न्यायिक हिरासत में बाहरी दुनिया से संपर्क सीमित और क़ानूनी अनुसार होता है। अगर कोई व्यक्ति जेल से सरकार चलाने का विकल्प चुनता है तो उसे अपवाद नहीं माना जा सकता और उसे विशेषाधिकारअधिकार नहीं दिया जा सकता। ईडी के वकील का ये भी कहना है कि, क़ानूनी बैठकों का दुरूपयोग परमार्श के अलावा अन्य उद्देश्यों के लिए किया जा रहा हैं।

Share the Post:

Related Posts