लोकसभा चुनाव एक ऐसा चुनाव जो तय करता है की आने वाले 5 वर्षों तक किसके हाथों में देश की बागडोर होने वाली है। 2024 में 18वीं बार लोकसभा चुनाव करवाई जाएगी। भारत में पहली बार लोकसभा का चुनाव 1952 में हुआ था, जिसमें इंडियन नेशनल कांग्रेस पार्टी द्वारा 364 लोकसभा सीटों पर विजय हासिल की गई। लेकिन उस वक्त देश में सिर्फ 489 लोकसभा सीटें थी। इस बार भाजपा सरकार का एक नारा आपको तो जरूर ही सुनने को मिल रहा होगा कि “इस बार NDA सरकार 400 पार” । इस नारे का उपयोग जिस तरह लोकसभा चुनाव के दौरान किया जा रहा है उस हिसाब से साबित यह होता है कि भारतीय जनता पार्टी और एनडीए सरकार को जनता से काफी उम्मीदें हैं।अब जानना यह है कि क्या यह नारा सच साबित होगा या फिर कुछ ही सीटों पर सिमट कर एनडीए रह जाएगी।
आंकड़ों की मानें तो आज तक 70 सालों में एक बार ऐसा करिश्मा पहले भी हो चुका है जब किसी पार्टी द्वारा इस आंकड़े को भी तोड़ा गया हो और वो है 1984 का लोकसभा चुनाव जिसमें ये रिकॉर्ड कांग्रेस द्वारा ही तोड़ा गया था। 1984 में कांग्रेस को 404 सीटों पर विजय प्राप्त हुआ और ये आखिरी बार था जब 400 पार का नारा सिद्ध हुआ था। और उस 404 सीटों पर बहुमत प्राप्त कर राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री का पद संभाला था। और इसी समीकरण को पार करने के लिए बीजेपी के नेता अपने हर भाषण में एक ही नारा देते हुए नज़र आये हैं की अबकी बार 400 पार। ये कहना मुश्किल नहीं है की कोई पार्टी इस आंकड़े तक पहुंच पाए क्योंकि राजनीति ही एक ऐसा विषय है जहां कब क्या हो जाए इसकी कोई आशंका नहीं है।
भाजपा के द्वारा इस चुनावी समीकरण को पूरा करने के लिए जनता के सामने कई दावें किये जा रहे हैं जिसमें मोदी की गारंटी से लेकर बीजेपी के मुख्यमंत्रियों के हर दिन की रिपोर्ट साझा की जा रही है। जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद ही देख रहे हैं। बीजेपी अपने 400 पार के नारें को पूरा करने के लिए कोई भी कसर नहीं छोड़ रही सोशल मीडिया से लेकरआम जनता तक मोदी की गूंज कुछ इस कदर है की चुनावी परिणामों में काफी असर दिख सकता है।
CONTENT: NIKITA MISHRA