इस पाकिस्तानी को मिला था भारत रत्न का पुरस्कार, कर चुके हैं ये काम

भारत रत्न से सम्मानित किये गए व्यक्ति को भारत सरकार की तरफ से एक प्रमाण पत्र और मेडल दिया जाता है।  लेकिन इन्हें कोई भी धनराशि नहीं दी जाती है।

भारत रत्न का पुरस्कार जो देश के सर्वोच्च नागरिक को सम्मान के तौर पर दिया जाता है।  ये एक ऐसा सम्मान है जो किसी भी प्रकार की जाति, रंग, पद और लिंग के भेदभाव को देखे बगैर दिया जाता है।  ये सम्मान उस व्यक्ति को दिया जाता है जिसने देश के प्रति बड़ा योगदान दिया हो।  किसी भी क्षेत्र के व्यक्ति इस पुरस्कार से सम्मानित हो सकते हैं। भारत रत्न एक भारतीय को उसकी महत्वकांशा बताता है, पर क्या आप जानते हैं की भारत रत्न के पुरस्कार से एक गैर भारतीय व्यक्ति भी सम्मानित हो चुके हैं ? यदि नहीं तो आज हम आपको भारत रत्न से सम्मानित उस व्यक्ति के बारे में बताने जा रहे हैं जो हमारे पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से नाता रखते हैं। 

इस पाकिस्तानी व्यक्ति को मिला भारत रत्न का सम्मान

भारत रत्न से सम्मानित किये गए व्यक्ति को भारत सरकार की तरफ से एक प्रमाण पत्र और मेडल दिया जाता है।  लेकिन इन्हें कोई भी धनराशि नहीं दी जाती है। साथ ही भारत रत्न से सम्मानित व्यक्ति को हर सरकारी कार्यक्रम में न्यौता दिया जाता है।  भारत रत्न से सम्मानित ज़्यादातर व्यक्ति भारत के ही हैं लेकिन इस रत्न से पाकिस्तानी व्यक्ति भी नवाज़े जा चुके हैं।  जिनका नाम खान अब्दुल गफ्फार खान है , जो एक मात्र ऐसे व्यक्ति हैं जो गैर भारतीय होकर भी भारत रत्न का सम्मान पा चुके हैं।  आपको बता दें कि गफ्फार खान को फ्रंटियर गांधी और बादशाह खान के नाम से भी जाना जाता है।  ये सिर्फ भारत रत्न से ही नहीं बल्कि नेल्सन मंडेला और मदर टेरेसा पुरस्कार से भी सम्मनित किये जा चुके हैं।  बादशाह खान की भूमिका 1929 में नज़र आयी थी जब उन्होंने खुदाई खिदमतगार आंदोलन की शुरुआत की।   

भारत रत्न को मिलती है ये सुविधाएं 

गणतंत्र दिवस के दिन देश के राष्ट्रपति विजेताओं को भारत रत्न से सम्मानित करते हैं। 1 साल के अंदर 3 ही व्यक्तियों को भारत रत्न का पुरस्कार दिया जा सकता है। विजेताओं को मिलने वाले सुविधाओं की अगर बात करें तो इन्हें कई सरकारी सुविधाएं दी जाती है जैसे- भारतीय रेलवे की ओर से फ्री में सफर कर सकते हैं।  आपको बता दें की साल 1954 में स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी और पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के साथ-साथ देश के महान वैज्ञानिक डॉक्टर चंद्रशेखर वेंकटरमन को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

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