राजनीति में तर्क-वितर्क करना अब एक आम सी बात हो गई है आए दिन कभी कोई किसी को तंज कसता है या फिर पलटवार करता है और ऐसा ही कुछ अब हो रहा है समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ। दरअसल, भारतीय जनता पार्टी ने अखिलेश यादव के खिलाफ निर्वाचन आयोग में शिकायत दर्ज कर दी है वो भी उनके बयानों को लेकर। पूरा मामला क्या है ? विस्तार से जानते है।
हाल ही में, माफिया गैंगस्टर और राजनेता मुख़्तार अंसारी की जेल में मौत होने से हर कोई चौक गया और अंसारी की मौत की खबर सुनते ही समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव रविवार को अंसारी के घरवालों से मिलने पहुंच गए जहाँ पर उन्होंने कुछ ऐसा कह दिया जो आज उन्ही पर भारी पड़ गया। दरअसल, अखिलेश यादव ने कहा कि, इस दुःख की घड़ी में, मैं परिवार के सदस्यों से मिलने जा रहा हूँ, परिवार का दुःख बाटने और जो घटना हुई वो सभी के लिए काफी शॉकिंग थी। यहाँ तक की अखिलेश ने ये भी कहा कि, अंसारी ने उन्हें खुद बताया था कि, उन्हें जेल में जहर दिया जा रहा है और वहीँ बात आज सामने आई, हमे उम्मीद है की सरकार सच्चाई सामने लाएगी।
उन्होंने आगे ये भी कहा कि, इतनी बार वो विधायक चुने गए है और जो व्यक्ति इतने वर्षो से जेल रह रहा हो और उसके बाद भी जनता उससे जीता रही हो तो इसका मतलब साफ़ है कि परिवार वालो ने और उस इंसान ने जनता का दुःख दर्द बाँटा हैं। आज वो तमाम चीजे वहां पर है कि परिवार ने किस तरह से लोगो के बीच काम किया और दुःख दर्द को साँझा किया। लोकतंत्र में जो जनता का दुःख दर्द नहीं बाँटा उसके साथ जनता भी कभी खड़ी नहीं होती।
लेकिन अखिलेश का यही बयान अब उन पर भारी पड़ता हुआ नज़र आ रहा है क्योकि भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह, संजय मयूख और ओम पाठक सहित पार्टी के कई लोगो अखिलेश के खिलाफ निर्वाचन आयोग पहुंचे जहाँ उन्होंने अखिलेश पर अचार सहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। चुनाव आयोग के अधिकारी से मिलने के बाद अरुण सिंह ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि, अंसारी की मौत जेल में जहर खाने से हुई थी ? अखिलेश बिना किसी साबुत के ऐसे बयान दे रहे है क्योकि लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी की आसन्न हार को महसूस करने के बाद उन्होंने अपना मानसिक संतुलन खो दिया है।
भाजपा नेता ने ये भी कहा कि, हमने चुनाव आयोग से उनके खिलाफ तत्काल करवाई करने का आग्रह किया है, अखिलेश द्वारा की गई टिप्पणी के बाद अन्य लोग भी उनके साथ इस तरह के निराधार आरोप लगाने में शामिल हो रहे है और अगर इस तुरंत रोका नहीं गया तो इससे शांति और व्यवस्था बिगड़ सकती हैं।