अखिर क्या है राम नवमी ? क्यों है ये हिंदुओं के लिए खास त्यौहार ? जानिए!

रामनवमी हिंदुओं के 5 सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों मे से एक है। रामनावमी भगवान विष्णु के 7वे अवतार जिन्हे हम राम के नाम से जानते है उनके जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। रामनवमी चैत्र मास में मनाई जाती है या कहे की हिंदू कैलेंडर के पहले महीने का 9वा दिन यानी (मार्च या अप्रैल) मे मनाई जाती है ।

रामनवमी हिंदुओं के 5 सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों मे से एक है। रामनावमी भगवान विष्णु के 7वे अवतार जिन्हे हम राम के नाम से जानते है उनके जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। रामनवमी चैत्र मास में मनाई जाती है या कहे की हिंदू कैलेंडर के पहले महीने का 9वा दिन यानी (मार्च या अप्रैल) मे मनाई जाती है ।

आखिर क्यों मनाई जाती है रामनवमी ?

ये बात उस समय की हैं जब राजा दशरथ अपने कोशाल साम्राज्य में बहुत खुश थे परंतु उनकी इस खुशी के पीछे एक दुख का कारण भी था कि उनके साम्राज्य को संभालने के लिए कोई उत्तराधिकार नही था या कहे की उनकी तीनो रानियों यानी रानी कोशल्या, रानी सुमित्रा,और रानी कैकई की कोई भी संतान नहीं थी जो उनके राज्य को आगे बढ़ा सके। इसलिए संतान की सुख के लिए राजा दशरथ अपने राज्य के राज गुरु, गुरू ब्रह्मर्षि वशिष्ठ से सलाह लेने चले जाते है जिसके बाद गुरु उन्हें एक यज्ञ करने के लिए कहते है। इस यज्ञ से अग्नि देव प्रसन्न हो जाते है और राजा दशरथ की तीनो रानियों को प्रसाद के रूप में एक कटोरी खीर दे देते है जिसे पीने से वह गर्भवती होने का सुख भोग सकती हैं। इस वरदान के बाद राजा दशरथ के घर 4 पुत्रों का जन्म होता है और चारों पुत्रों में से सबसे बड़े होते है भगवान श्री राम।
भगवान राम का जन्म त्रेता युग में चैत्र शुक्ल की नवमी के दिन पुनर्वसु नक्षत्र तथा कर्क लग्न मे हुआ था भगवान राम ने कोशल साम्राज्य के शासक अयोध्या के राजा दशरथ तथा उनकी पत्नी रानी कोशल्या के घर जन्म लिया था और जैसा की सब जानते है कि भगवान राम के 3 और छोटे भाई थे जिनका नाम भरत, लक्ष्मण, और शत्रुघ्न था। वाल्मिकी रामायण के अनुसार कहा जाता हैं कि राम सूर्य पुत्र है और पुराणों की माने तो राम, कर्ण और शनि, सूर्ये के तीन अंश हैं। इसलिए भगवान राम के जन्म पर रामनवमी का त्यौहार मनाया जाता हैं।

राम मंदिर में तिलक लगाकर होगा सूर्य अभिषेक

भगवान राम का जन्म चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को दोपहर 12 बजे हुआ था इसलिए 12 बजे अयोध्या में भगवान राम का सूर्य तिलक लगाकर सूर्य अभिषेक किया जाएगा क्योंकि माना जाता है कि सनातन धर्म में सूर्य को अत्यंत ऊर्जावान और समस्त ग्रहों का राजा माना जाता है, और मर्यादा पुरुषोत्तम राम जन्म से ही सूर्यवंशी थे और उनके कुल के देव भी भगवान सूर्य ही है। ऐसी मान्यता भी है कि भगवान श्री राम का जन्म के वक्त सूर्य भी अपने पूर्ण प्रभाव में थे इसलिए उनका सूर्य अभिषेक किया जाएगा । साथ ही जन्मदिन के अवसर पर श्री रामलला चांदी और सोने के तारों से बुना विशेष डिजाइनर वस्त्र पहनेंगे और साथ ही उनके श्रृंगार के लिए और मंदिर को सजाने के लिए दिल्ली और कर्नाटक से खास तरह के पुष्प लाए जाएंगे। इस खास मौके पर बधाई गीत भी गाए जाएंगे, वेदों और पुराणों का पाठ होगा, भोग के लिए 56 प्रकार के विशेष पकवान भी बनाए जाएंगे। माना तो ये भी जा रहा है कि ये रामनवमी भी प्राण प्रतिष्ठा की तरहा ही ऐतिहासिक और याद गार दिन के रूप मे बनाईं जाएगी।

Share the Post:

Related Posts

Skip to content