क्या होगी मायावती की चुनावी रणनीति ? क्या है मायावती के लोकसभा चुनाव की तैयारी ? ये सवाल तो आपके मन में ज़रूर ही आ रहे होंगे क्योंकि इस बार न मायावती के नेतृत्व वाली पार्टी बसपा, गठबंधन इंडिया में शामिल हुई है और न ही NDA में। इस बार मायावती ने अकेले ही चुनाव लड़ने का सोचा है और चुनावी रणनीतियों में भी नया बदलाव किया है। लोकसभा चुनाव में मायावती ने उम्मीदवारों के चेहरों पर नहीं बल्कि पार्टी के अध्यक्षों के नामों पर चुनाव लड़ने का सोचा है। जी हां पार्टी सुप्रीमों मायावती के आदेश पर इस बार बसपा ने तय किया है कि लोकसभा चुनाव सेक्टर अध्यक्षों के चेहरे पर लड़ा जाएगा। मायवती के इस आदेश के बाद से ही पार्टी द्वारा सेक्टर अध्यक्षों को यह महसूस करवाया जा रहा है कि होने वाले चुनाव में उनका सबसे बड़ा सहयोग होने वाला है।
मायावती के आदेश के बाद चुनावी प्रचार के लिए लगाए गए बैनर पोस्टर्स पर उम्मीदवारों के नहीं बल्कि अध्यक्षों की बड़ी-बड़ी तस्वीरों को लगाया गया है। जी हाँ गोरखपुर लोकसभा सीट को कुल 2413 सेक्टरों में विभाजित किया गया है। और इस बार पार्टी की ओर से गोरखपुर सीट के उम्मीदवार जावेद सिमनानी है। लेकिन चुनाव प्रचार में देखा गया है कि अलग-अलग सेक्टर्स में पोस्टर्स पर उनकी फोटो के साथ-साथ सेक्टर्स के अध्यक्षों की उनसे बड़ी फोटो लगाईं गई है। पार्टी पूरी तरह से ये प्रयास कर रही है कि सेक्टर के अध्यक्षों को ये अनुभूति होती रहे की ये लोकसभा चुनाव उनके छवि पर ही लड़ा जाएगा। मायवती के इस रणनीति के कारण सेक्टर अध्यक्षों का चुनाव में सर्वश्रेष्ठ योगदान रहने वाला है। साथ ही वो चुनाव पर अत्यधिक ध्यान दे पाएंगे।