हाल ही में सोशल मीडिया पर ग्रहमंत्री अमित शाह का एक फर्जी वीडियो वायरल हुआ था जिसकी जाँच पुलिस अधिकारीयों ने शुरू कर दी हैं और सूत्रों की माने तो इस केस में तेलंगाना के मुख्यमंत्री व कांग्रेस नेता रेवंत रेड्डी को तलब किया गया हैं। पुलिस ने आज यानी 29 अप्रैल को रेवंत रेड्डी को एक नोटिस भेजा है और 1 मई तक उन्हें अपने पक्ष रखने को कहा हैं। लेकिन क्या है अमित शाह की फर्जी वीडियो का पूरा मामला आइए जानते हैं।
आखिर क्या था वीडियो में ?
हाल ही में सोशल मीडिया पर अमित शाह का एक वीडियो वायरल हुआ जिसमे कहते नज़र आ रहे है कि वह एससी-एसटी और ओबीसी के आरक्षण को खत्म कर देंगे। हालाँकि एजेंसी द्वारा जब फैक्ट चेक किया गया तब ये सामने आया कि अमित शाह ने कर्नाटका में मुस्लिमो को मिले आरक्षण को खत्म करने की बात की थी ना कि ससी-एसटी और ओबीसी के आरक्षण को खत्म करने की। भाजपा आईटी हेड अमित मालवीय ने भी बताया कि अमित शाह ने ससी-एसटी और ओबीसी की हिस्सेदारी को कम करने की कोई भी बात नहीं की हैं।
रेवंत रेड्डी को दिल्ली बुलाया गया
दिल्ली पुलिस ने तेलंगाना मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को समन भेजा हैं और ये भी कहा है कि 1 मई को जब वह दिल्ली आएंगे तो साथ में अपना फ़ोन भी लेकर आएंगे। दरअसल, पुलिस उनके फ़ोन की भी जाँच करेगी क्योंकि तेलंगाना कांग्रेस के आधिकारिक अकाउंट समेत पार्टी के कई नेताओं अमित शाह की फेक वीडियो को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया हैं, जिनमे से एक तेलंगाना के मुख्यमंत्री व कांग्रेस नेता रेवंत रेड्डी।
मामले में पुलिस ने किया एक शख्स को गिरफ्तार
अमित शाह की इस फेक वीडियो मामले में पुलिस ने एक शख्स को गिरफ्तार भी कर लिया हैं। पुलिस ने इस केस में रीतम सिंह नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया, जिसकी जानकारी असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। बता दें कि पुलिस ने इस मामले में आईपीएस की धारा 153/153A/465/469/171G और IT एक्ट की धारा 66C के तहत एफआईआर दर्ज की थी।