दिल्ली में जल संकट को लेकर बीजेपी करेगी आज 52 जगहों पर प्रदर्शन

दिल्ली में इस वक़्त जल संकट बढ़ता रहा है और इस मुद्दे पर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप भी तेज़ हो गए हैं। भाजपा ने केजरीवाल सरकार पर पानी चोरी और जल आपूर्ति में अनियमितताओं का आरोप लगाया है। भाजपा का कहना है कि पानी की कमी के लिए सरकार की लापरवाही और जल प्रबंधन की कमी जिम्मेदार है।

दिल्ली में इस वक़्त जल संकट बढ़ता रहा है और इस मुद्दे पर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप भी तेज़ हो गए हैं। भाजपा ने केजरीवाल सरकार पर पानी चोरी और जल आपूर्ति में अनियमितताओं का आरोप लगाया है। भाजपा का कहना है कि पानी की कमी के लिए सरकार की लापरवाही और जल प्रबंधन की कमी जिम्मेदार है। हाल ही में भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं ने दिल्ली के सभी 14 संगठनात्मक जिलों में भी प्रदर्शन किया था। और अब वह सोमवार यानी आज दिल्ली के 52 स्थानों पर प्रदर्शन करेगी। इसको लेकर दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने का कहना है कि दिल्ली सरकार पाइपलाइनों में रिसाव ठीक करने और पानी की चोरी रोकने में असफल रही है इस समस्या को दूर करने की जगह पर जल मंत्री आतिशी भाजपा पर रिसाव का आरोप लगाने की कोशिश कर रही हैं। यह निंदनीय है। आप सरकार को अपना काम करना चाहिए। अपनी नाकामी छिपाने के लिए वह भाजपा पर तथ्यहीन आरोप लगा रही है।”


भाजपा कार्यकर्ताओं का तो सीधा-सीधा सवाल हैं कि इस समय जहाँ दिल्ली सरकार की जल मंत्री आतिशी को पानी की समस्या को हल करना चाहिए उसकी जगह पर वह भाजपा पर पाइपलाइन को नुकसान पहुंचने के आरोप लगा रही हैं। अब कुल मिला के देखा जाए तो ऐसे में जल संकट मामले पर सियासत की प्यास बढ़ गई हैं। इस मुश्किल स्तिथि में आप पार्टी के साथ तो कांग्रेस भी नहीं। कांग्रेस कार्यकर्ता खुद केजरीवाल सरकार पर जल संकट की समस्या को लेकर उन्हें घेर रहे हैं। आपको बता दें कि यह वही कांग्रेस है जो दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन में लोकसभा का चुनाव लड़ी थी लेकिन दिल्ली की सभी सातों सीटों पर बीजेपी विजयी रही। आपको बता दें कि कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही इस वक़्त केजरीवाल सरकार पर निशाना साध रही हैं लेकिन इस सियासी जंग में दिल्ली के लोग जो पानी के लिए तरस रहे हैं उनका लिए समाधान कब तक किया जाएगा यह एक बड़ा सवाल हैं। इसके अलावा कोर्ट ने क्या कहा है दिल्ली जल संकट को लेकर चलिए वो भी आपको बता देते हैं।


सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के जल संकट के मुद्दे पर कहा कि राज्यों की बीच में यमुना जल का बंटवारा एक बेहद ही जटिल मुद्दा हैं। सुप्रीम कोर्ट के पास फार्मूला तय करने की विशेषयज्ञता नहीं हैं इस पर सभी पक्षो के साथ गहनता से बातचीत के बाद ही किसी नतीजे पर पंहुचा जा सकेगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि पानी के बंटवारे का मुद्दा अपर युमना रिवर फ्रंट पर छोड़ देना चाहिए। कोर्ट ने अपर युमना रिवर बोर्ड को निर्देश दिया कि वो दिल्ली सरकार का आवेदन मिलने के बाद मीटिंग कर इस मामले को जितना जल हो सके सुलझाएंगे। वहीँ आपको बता दें कि अगर ज़रूरत पड़ी तो अपर यमुना रिवर बोर्ड रोजाना बैठक भी कर सकती हैं। तो अब आखिर में देखना यह कि कब तक दिल्ली सरकार दिल्ली में हो रही पानी की समस्या को कब तक सुलझाती हैं।

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