बिना EVM मशीन के किस प्रकार पाकिस्तान में डालते हैं वोट ?

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पाकिस्तान के अंदर “बैलेट पेपर” पर वोट डाला जाता है। चुनाव के दिन हर पोलिंग बूथ के पास एक सरकारी अधिकारी मौजूद होता है जो वोटिंग के दौरान सभी पर नज़र रखता है।

पाकिस्तान जो पहले भारत का ही हिस्सा रहा, फिर आज़ादी के बाद से ही पाकिस्तान हमारे देश से भिन्न हो गया। जिसके बाद पाकिस्तान अपना स्वतंत्रता दिवस भी भारत से एक दिन पहले मनाने लगा। पाकिस्तान और भारत में काफी असमानताएं है, लेकिन एक ऐसी समानता है जो पाकिस्तान कि भारत से मिलती है और वो है चुनावी प्रक्रिया। पाकिस्तान के अंदर भी सबसे बड़ी भूमिका प्रधानमंत्री की मानी जाती है। यहां हर 5 वर्षों के अंतराल में चुनाव किए जाते हैं। लेकिन एक चीज़ काफी अलग है कि पाकिस्तान में बिना EVM मशीन के ही लोग वोट डालते हैं अब आप ये सोच रहे होंगे कि आखिरकार ऐसा कैसे हो सकता है? क्या इस चुनावी प्रक्रिया में किसी प्रकार का कोई हेर-फेर तो नहीं होता है? तो आईये जानते हैं इन सभी सवालों के जवाब। 

ऐसे होता है पाकिस्तान मेें चुनाव 

दरअसल, पाकिस्तान के अंदर “बैलेट पेपर” पर वोट डाला जाता है। चुनाव के दिन हर पोलिंग बूथ के पास एक सरकारी अधिकारी मौजूद होता है जो वोटिंग के दौरान सभी पर नज़र रखता है। और वोटिंग के खत्म होने के पश्चात ये सरकारी अधिकारी वहां मौजूद अधिकारियों के सहयोग से बैलेट पेपर पर दिए गए वोटों की गिनती करते हैं और सभी गिनती के पूरे होने के बाद ही प्रभारी नेता के नाम को अनाउंस किया जाता है। 

पाकिस्तान कि लोकसभा सीटें 

भारत कि तरह पाकिस्तान एक सेक्युलर देश नहीं है यह एक इस्लामिक देश है यही कारण है कि पाकिस्तान में हमेशा से ही एक मुस्लिम व्यक्ति प्रधानमंत्री के चुनाव में खड़ा होता है। आपको बता दें कि पाकिस्तान में कभी भी कोई हिंदू प्रधानमंत्री नहीं बन सकता। लेकिन भारत एक सेक्युलर देश है जहां हर धर्म के व्यक्ति प्रधानमंत्री के पद को संभाल सकते हैं। पाकिस्तान की सबसे बड़ी पार्टि मुस्लिम लीग नवाज़ और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी है। पाकिस्तान में कुल 342 लोकसभा सीटें हैं जिसे उर्दू भाषा में आसन कहते हैं । जिसमें से 242 चुनाव के जरिए चुने जाते हैं और बाकी 70 महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए है।

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