पूरी दुनिया में राष्ट्रपति को देश का मुखिया माना गया है लेकिन भारत जैसे कई ऐसे देश भी हैं जहां देश की पूरी बागडोर प्रधानमंत्री के हाथों में होती है साथ ही शासन चलाने की सारी पावर भी प्रधानमंत्री के पास ही होती है। लेकिन ऐसे दो पावर है जो राष्ट्रपति को एक देश का मुखिया बनाता है। हमारे देश में हर 5 साल पर देश के मुखिया राष्ट्रपति और देश को चलाने वाले प्रधानमंत्री का चुनाव होता है। लेकिन प्रधानमंत्री को मत जनता द्वारा की मिलता है तो वहीं राष्ट्रपति का चुनाव संसद में ही किया जाता है। संविधान के अनुच्छेद 54 के द्वारा ही संसद के दोनो पक्षो में निर्वाचन मंडल के सदस्य द्वारा राष्ट्रपति का चुनाव किया जाता है। आईए जानते हैं की प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति में से भारत के अंदर सबसे ज्यादा ताकतवर कौन है?
कौन होता है ताकतवर ?
एक प्रधानमंत्री देश की बागडोर संभालता है लेकिन राष्ट्रपति वह पद है जो प्रधानमंत्री को उसके पद से किसी भी समय हटा सकता है वह भी तब जब उसे ऐसा लगे कि सरकार ने अपना बहुमत खो दिया है। हमारे देश में सालों से प्रधानमंत्री को सबसे ज्यादा तवज्जो दिया गया है लेकिन प्रधानमंत्री भी तभी कोई कार्य संपन्न कर पाता है जब तक उस कार्य की मंजूरी उन्हें राष्ट्रपति द्वारा ना मिल जाए। भारत के राष्ट्रपति भारत के गणराज्य के कार्यपालक अध्यक्ष सभी कार्यपालक कार्य उनके नाम के द्वारा ही किया जाता है, आपको बता दें कि भारत के राष्ट्रपति देश के अंदर आपातकाल लगाने से लेकर हटाने तक की शक्ति रखते हैं और राष्ट्रपति एक देश का प्रथम नागरिक होता है।
राष्ट्रपति के पास ये हैं न्यायिक शक्तियां
हमारे देश का राष्ट्रपति किसी भी व्यक्ति को मिली संपूर्ण सजा और उनके दोषी सिद्धि को समाप्त कर सकता है और उसे उस स्थिति में रख सकता है कि उसने कभी कोई जुर्म किया ही नहीं। हमारे देश के राष्ट्रपति दंड की अवधि को भी घटा सकते हैं पर उसके दंड के प्रकृति को नहीं बदल सकते।
प्रधानमंत्री के कार्य
प्रधानमंत्री देश का वह शासक है जो हर क्षेत्र पर नजर रख सकता है। फिर चाहे वह केंद्र शासित प्रदेश हो या फिर एक राज्य। प्रधानमंत्री राष्ट्रपति के प्रमुख सलाहकार भी होते हैं साथ ही वह कार्यपालिका के प्रमुख होते हैं। प्रधानमंत्री को पूरा देश चुनता है। और हमारे देश में 545 लोकसभा सीटों पर प्रधानमंत्री चुनाव के लिए बहुमत दी जाती है।
CONTENT: NIKITA MISHRA