बाबा रामदेव जो अपने योग के अलावा अपने प्रोडक्ट पतंजलि को लेकर भी काफी मशहूर हैं। महामारी के दौरान बाब रामदेव ने पतंजलि के कई प्रोडक्ट का भारी बड़ी मात्रा में प्रचार किया। उस दौरान उन्होंने योग के ज़रिये कोरोना से लड़ने की शिक्षा भी दी। लेकिन आज बाबा राम देव अपने प्रोडक्ट पतंजलि के प्रचार को लेकर खुदशर्मिंदा होते हुए नज़र आये हैं। आज 2 अप्रैल के दिन बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेदिक कंपनी के डायरेक्टर बालकृष्ण दोनों सुप्रीम कोर्ट पहुंचे जहां। उन्होंने भ्रामक दवाई प्रचार को लेकर पूरे अदालत के समक्ष माफ़ी मांगी। भ्रामक विज्ञापन को लेकर सुप्रीम कोर्ट की फटकार पर योग गुरु रामदेव बाबा और बालकृष्ण ने शीर्ष अदालत इस दवाई प्रचार को लेकर माफ़ी मांगी हैं। पतंजलि के पक्ष में सुनवाई कर रहे वकील ने कहा कि बाबा खुद ही कोर्ट आये हैं और वो माफ़ी भी मांग रहे हैं। उनकी माफ़ी को दर्ज किया जाए।
बाबा रामदेव के वकील ने अदालत में कहा कि हम कोर्ट से भाग नहीं रहे हैं। रामदेव खुद अदालत में मौजूद हैं वो माफ़ी मांग रहे हैं। दरअसल, बाबा राम देव को साल 2023 में ये आदेश दिया गया कि वह भ्रामक दवाइयों के विज्ञापन न चलाएं। अगर ऐसा दोबारा होता है तो उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। यदि पतंजलि किसी भी प्रकार की भ्रामक प्रचार करती है तो उस पर 1 करोड़ का जुर्माना भी लगाया जाएगा। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट में बाबा के योग को लेकर भी तारीफ़ की गयी।