किसी मूवी का सीक्वेल बनाना ये ट्रेंड बॉलीवुड में बहुत पहले से है । मेकर्स को लगता है कि हिट और चर्चित फिल्म का सीक्वल ऑडिएंस को मूवी की तरफ़ ज्यादा अट्रैक्ट करेगा। 14 साल बाद इसी थियोरी को अपनाते हुए निर्देशक दिबाकर बनर्जी अपनी चर्चित फिल्म ‘लव सेक्स और धोखा’ का सीक्वल लेकर आए हैं। LSD में जहां दिबाकर ने सेक्स टेप, ऑनर किलिंग और हैंडीकैम, स्पाइकैम और सुरक्षा कैमरों के गलत इस्तेमाल के बारे में दिखाया था तो वहीं इस बार LSD 2 में डिजिटल दुनिया के पहलुओं के बारे में देखने को मिलेगा ।
फिल्म की कहानी –
यह कहानी नूर की है, जो इस कटथ्रोट कंपटीशन में आगे बढ़ने के लिए लिंग परिवर्तन के प्रोसेस से गुजरता है। अगली कहानी मेट्रो स्टेशन पर काम करने वाले ट्रांसजेंडर कुल्लू की है, उसके प्रेमी और बॉस लवीना है, जो हमले के बाद उन्हीं लोगों के निजी स्वार्थ का शिकार होती है, जो इस समुदाय के डेवेलोपमेंट की बात करते हैं। इस कुचक्र में उसकी बॉस लवीना भी शामिल है। तीसरी कहानी एक ऑनलाइन टीनेज गेमर शुभम उर्फ गेम पाप पर बेस्ड है। ये यूट्यूबर कैसे मिलियंस सब्सक्राइबर्स पाने की होड़ में आभासी दुनिया के मकड़जाल में फंसता चला जाता है ये उसपर आधारित हैं।
फिल्म का रिव्यू
LSD के पार्ट वन से पार्ट टू की तुलना होना स्वाभाविक है। दिबाकर इस बार भले रियलिटी शोज, ट्रांसजेंडर और डिजिटल वर्ल्ड के कालिख को उजागर करते हैं, मगर उनकी पार्ट वन ज्यादा दमदार थी। हालांकि इस बार भी दिबाकर शॉक वैल्यू को बनाए रखने के लिए न्यूडिटी और अपशब्दों का इस्तेमाल करते हैं। रियलिटी शो वाली कहानी कुछ हद तक प्रभावित करती है, जबकि ट्रांसजेंडर वाली स्टोरी कमजोर पड़ जाती है।