केशव पुरम इलाके में हुए मानव तस्करी से जुड़ी एक एहम जानकारी सामने आ रही हैं बता दें कि, सीबीआई और पुलिस अधिकारीयों की टीम ने दो दिन तक चल रही रेड के बाद मानव तस्करी का भंडाफोड़ दिया है पुलिस ने 7 से 8 नवजात बच्चो को रेस्क्यू किया और साथ ही गेंग में शामिल सभी 7 आरोपियों को कोर्ट के सामने पेश किया जिसमे अस्पताल के वॉर्डबॉय समेत कई महिलाएं और पुरुष शामिल है।
केशव पुरम में चल रहे चाइल्ड ट्रैफिकिंग को लेकर पुलिस ने अब बड़े खुलासे किए है, मिली जानकारी के अनुसार आरोपी बच्चों को अस्पताल से चोरी नहीं करते थे बल्कि ये लोग गरीब लोगो की सहमति से या जिन लोगो को पैसो की ज़रूरत होती है उनसे बच्चा खरीद लेते थे और आगे नि-संतान परिवारवालों को बेच दिया करते थे। कई बार ये गेंग एडवांस भी बच्चों को ले लिया करते थे और आगे चल कही ना कही बेच दिया करते थे। वहीँ अब सीबीआई आरोपियों से ये पूछताछ करने में लगी कि आखिर ये लोग बच्चों से ख़रीदा करते थे हालाँकि इससे पहले जो जानकारी सामने आयी थी उसमे ये कहा जा रहा था कि बच्चोको अस्पताल से चुराया जाता था। माना जा रहा है कि इस जाँच में आगे और भी कई बड़े खुलासे भी हो सकते है और साथ ही साथ सीबीआई इस मामले में दूसरे राज्यों में भी छापेमारी कर सकती हैं।
बता दें कि, रिपोर्ट्स के मुताबिक चाइल्ड ट्रैफिकिंग के इस केस में पुलिस को 10 साल से काम उम्र के बच्चे मिले है जिसमे से एक की उम्र महज़ 36 घंटे है तो वहीँ एक की उम्र महज़ 15 दिन बताई जा रही हैं। सीबीआई अधिकारियों ने बताया कि अब तक की जांच से पता चला है कि आरोपी फेसबुक पेज और व्हाट्सएप ग्रुप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर विज्ञापन देते थे और यही से नि संतान परिवारवालों को संपर्क करते थे। आरोपी असल माता- पिता के अलावा सरोगेट माताओं से भी बच्चे खरीदकर उन्हें 4 से 6 लाख रुपयों में बेच दिया करते थे। हालाँकि सीबीआई ने अब आरोपियों की 4 दिन की रिमांड हासिल कर ली है। बता दें कि, इस खेल के मास्टरमाइंड नीरज और इंदू बताये जा रहे हैं।