भारत का नहीं है एक भी राष्ट्रीय खेल, फिर क्यों हॉकी से जोड़ा जाता है नाम ? 

हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल नहीं है इसके बारे में तब पूर्ण सूचना मिली जब साल 2020 में महाराष्ट्र राज्य के धुले जिले के स्कूल शिक्षक ने आरटीआई दायर की थी....

भारत ने हर उन खेलों में दुनिया भर के सामने अपनी प्रतिभा दिखाई है जिसका सामना कर पाना किसी भी रूप में आसान नहीं। भारत में भले ही कई खेलों में गोल्ड मेडल जीत हो लेकिन किसी भी खेल को भारत राष्ट्रीय पद नहीं देता। हमारे देश ने हॉकी में 8 ओलंपिक गोल्ड मेडल जीते हैं साथ ही कबड्डी में कई वर्ल्ड कप भी जीते इसके अलावा भारतीय क्रिकेट टीम द्वारा जीते गए खिताबों से आप तो आप अवगत ही होंगे । लेकिन क्या आप जानते हैं की भारत में ऐसा कोई खेल नहीं है जिसे वह राष्ट्रीय खेल कह सके। आईए जाने क्यों भारत का एक भी राष्ट्रीय खेल नहीं है। 

दरअसल भारत में कई ऐसी चीजें हैं जिन्हें राष्ट्र पहचान के तौर पर एक परिभाषा दी गई हो जैसे राष्ट्र पक्षी, राष्ट्रीय चिह्न , राष्ट्रीय फूल इत्यादि। लेकिन जब किसी से यह पूछा जाए कि भारत का राष्ट्रीय खेल क्या है तो ज्यादातर लोगों का एक ही जवाब रहता है कि हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल है। क्योंकि यही एक ऐसा खेल है जिसे भारत में काफी पुराने समय से खेला जा रहा है । और भारतीय हॉकी टीम इतिहास की सबसे सफल टीम मानी गई है इस टीम ने 8 गोल्ड एक सिल्वर साथ ही तीन ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं। 1928 से लेकर 1956 तक भारत में लगातार 6 गोल्ड मेडल जीते थे। भारतीय टीम ने दुनिया को जांबाज फील्ड हॉकी खिलाड़ी भी दिए हैं जिनमें से एक नाम ध्यानचंद का है जो हॉकी के जादूगर भी कहे जाते हैं। 

हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल नहीं है इसके बारे में तब पूर्ण सूचना मिली जब साल 2020 में महाराष्ट्र राज्य के धुले जिले के स्कूल शिक्षक ने आरटीआई दायर की थी जी हां वे जानना चाहते थे कि हॉकी को भारत का राष्ट्रीय खेल कब घोषित किया गया था? और इसका जवाब देते हुए खेल मंत्रालय द्वारा बताया गया कि सरकार ने किसी भी खेल को राष्ट्रीय खेल घोषित नहीं किया क्योंकि भारत सरकार सभी लोकप्रिय स्पोर्ट्स डिसिप्लिन को बढ़ावा देना चाहती है। हालांकि साल 2020 में भारतीय हॉकी टीम के शानदार प्रदर्शन के बाद भारत के कई लोग इसे राष्ट्रीय खेल घोषित करने की मांग कर रहे हैं। 

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