आज 24 अप्रैल के दिन सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार हो रहे प्राकृतिक आपदाओं को लेकर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान महत्वपूर्ण टिपण्णी दी। जिसमें उन्होंने प्राकृतिक आपदाओं के निपटान से लेकर उनके प्रभावों का भी ज़िक्र किया। प्रधानमंत्री के द्वारा प्राकृतिक आपदाओं पर की जाने वाली ये टिप्पणियां भविष्य में इनसे निजात पाने के लिए प्रमुख कारक बन सकती है। बता दें कि पीएम मोदी ने बताया है कि प्रकृति और आपदाओं की कोई सीमा नहीं होती।अत्यधिक परस्पर जुड़ी दुनिया में, आपदाएँ और व्यवधान व्यापक प्रभाव पैदा करते हैं। विश्व सामूहिक रूप से तभी लचीला हो सकता है जब इसके देश व्यक्तिगत रूप से लचीले हों।
सीडीआरआई और इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के महत्त्व का ज़िक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि “साझा जोखिमों के कारण साझा लचीलापन महत्वपूर्ण है।सीडीआरआई और यह सम्मेलन हमें इस सामूहिक मिशन के लिए एक साथ आने में मदद करते हैं। साझा लचीलापन हासिल करने के लिए, हमें सबसे कमजोर लोगों का समर्थन करना चाहिए।” इसके अलावा उन्होंने भारत के द्वारा कि गयी G-20 की अध्यक्षता का भी ज़िक्र किया और कहा है कि यह खुशी की बात है कि सीडीआरआई का फोकस ग्लोबल साउथ पर है।भारत की G20 अध्यक्षता के दौरान एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया। चर्चा के केंद्र में वित्तपोषण के साथ एक नया आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्य समूह का गठन किया गया।
दरअसल, सीडीआरआई का ये कार्यक्रम छोटे द्वीप विकासशील राज्यों अत्यधिक होने वाले आपदाओं के खतरों को लेकर है।