क्रिकेट ये खेल जगत का वो खेल है जो भले ही भारत का राष्ट्र खेल न हो लेकिन भारत के बच्चों से लेकर बूढ़े सभी इसकी दीवानगी में खोये हुए हैं। अगर हम क्रिकेट की बात कर ही रहे हैं तो हम क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर का नाम लेना कैसे भूल सकते हैं ? सचिन भारतीय इतिहास के वो होनहार बल्लेबाज और कोहिनूर हीरे हैं जिनकी बराबरी आजतक कोई भी नहीं कर पाया। मैदान में सचिन तेंदुलकर को हरा पाना कोई आसान बात नहीं थी। उन्होंने अपने ज़माने में इतने शतक जड़े हैं और इतने चौके छक्के -लगाएं हैं जिनकी गिनती करना भी मुश्किल हो चुका है। लेकिन क्या आप जानते हैं की बल्लेबाजी की इस दुनिया में सचिन तेंदुलकर ने पहली बार पाकिस्तान से रिश्ता जोड़ा था ? अब आप सोच रहे होंगे की आखिरकार ऐसा कैसे हो सकता है की भारत रत्न सचिन तेंदुलकर के इस सफर में पाकिस्तान का नाम आ सकता है? आइये जानते हैं इस अनसुलझी पहेली के पीछे की बात।
पाकिस्तान की तरफ से सचिन ने की थी फील्डिंग
सचिन जब 11 वर्ष के थे तब से ही उन्होंने क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था लेकिन उन्होने 16 की उम्र में पहली बार 15 नवंबर 1989 के दिन क्रिकेट जगत में कराची के खिलाफ खेलकर अपना डेब्यू किया था। सचिन ने अपने इस कीर्तिमान सफर में आजतक 664 अंतरराष्ट्रीय मैचों को खेला है जिसमें उन्होंने 100 शतक और 164 अर्धशतक खेले हैं। लेकिन आपको जानकर हैरानी इस बात की होगी की सचिन तेंदुलकर पाकिस्तान के लिए भी मैच खेल चुके हैं और वो भी भारत के खिलाफ। जी हाँ हम बात कर रहे हैं सन् 1987 की जब तेंदुलकर ने मुंबई के ब्रेबॉर्न स्टेडियम में one day टेस्ट मैच के लिए उन्होंने पाकिस्तान की तरफ से फील्डिंग की थी। ये मैच 20 जनवरी के दिन हुआ था।
आखिर क्यों पाकिस्तान की तरफ से सचिन उतरे मैदान में ?
दरअसल, साल 1987 में पाकिस्तान की टीम पांच टेस्ट मैच खेलने के लिए भारत आई हुई थी। और जब 20 जनवरी के दिन 40-40 ओवरों का मैच खेलने पाकिस्तान और भारत की टीम मैदान में उत्तरी तब लंच ब्रेक के दौरान पाकिस्तानी खिलाड़ी जावेद मियांदाद और अब्दुल कादिर उस वक़्त मैदान से बाहर चले गए थे। और इसी दौरान पाकिस्तानी कप्तान इमरान खान ने 13 साल के नन्हें सचिन तेंदुलकर को सुब्स्टीट्यूट फील्डर के तौर पर मैदान में तैनात किया था। और इस बात का ज़िक्र खुद सचिन तेंदुलकर ने अपनी आत्म कथा में किया है।