इस तरह होता है भारत में राष्ट्रपति का चुनाव, जनता का नहीं होता है हाथ

president election
भारत के राष्ट्रपति यानी के भारत के प्रथम व्यक्ति , जिनके द्वारा सभी विदेशी समझौतों को अंजाम दिया जाता है।  भारत के राष्ट्रपति ही तीनों सेनाओं के प्रमुख होते है। हालांकि, भारत देश में प्रधानमंत्री को ज्यादा तबज्जो दिया जाता है

भारत के राष्ट्रपति यानी के भारत के प्रथम व्यक्ति , जिनके द्वारा सभी विदेशी समझौतों को अंजाम दिया जाता है।  भारत के राष्ट्रपति ही तीनों सेनाओं के प्रमुख होते है। हालांकि, भारत देश में प्रधानमंत्री को ज्यादा तबज्जो दिया जाता है लेकिन भारत के प्रधानमंत्री भी तब तक ही किसी कार्य को करने में सक्षम होते हैं जब तक उन्हें राष्ट्रपति के द्वारा आज्ञा प्राप्त होती है।  हालांकि राष्ट्रपति का चुनाव जनता द्वारा नहीं होता बल्कि उनके हाथों होता है जिसे आम जनता चुनती है। आखिरी बार हमार देश में साल 2022 में राष्ट्रपति का चुनाव हुआ था जिसमें पहली बार आदिवासी समुदाय से राष्ट्रपति  द्रौपदी मुर्मू ने ये पद अपने नाम किया।  द्रौपदी मुमरू भारत की दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं। आइये जानें की आखिरकार कैसे राष्ट्रपति का चयन किया जाता है।

 

कौन करता है राष्ट्रपति का चुनाव ? 

आसान शब्दों में राष्ट्रपति का चुनाव दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा ) के निर्वाचित लोगों द्वारा ही किया जाता है। ये पूरी प्रक्रिया संविधान  के अनुछेद 52 के अनुसार ही होता है।  राष्ट्रपति का  निर्वाचन एक गुप्त मतदान द्वारा होता है।  इस मतदान में  निर्वाचन मंडल के सदस्यों द्वारा  ही मत डाला जाता है।  जिसमें . लोकसभा तथा राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य के साथ-साथ राज्य विधान सभा के निर्वाचित सदस्य इसमें मतदान करते हैं जिसमें दिल्ली और पुदुचेरी विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्य ही इसमें मतदान कर सकते हैं।  

राष्ट्रपति चुनाव लड़ने की योग्यता 

यदि कोई व्यक्ति राष्ट्रपति चुनाव में खड़ा होता है तब वह सर्वप्रथम भारत का नागरिक होना चाहिए , इसके साथ ही उनकी आयु 35 वर्ष से अधिक हो।  साथ ही वह लोक सभा का सदस्य चुने जाने की पूरी योग्यता रखता हो।  इसके साथ-साथ यदि मतदान में कम से कम 50 लोगों ने  यदि किसी व्यक्ति को राष्ट्रपति पद के लिए  वोट दिया होता है तब वह जीत को हासिल कर राष्ट्रपति पद को अपने नाम कर सकता है।   

Share the Post:

Related Posts

Skip to content