संयुक्त राष्ट्र में इस समय 193 देश पूर्ण सदस्य हैं । लेकिन इसमें फिलिस्तीन शामिल नहीं है। फिलिस्तीन साल 2011 में भी पक्की मेंबरशिप के लिए आवेदन दे चुका था लेकिन तब भी फिलिस्तीन की पक्की मेंबरशिप के लिए सब राज़ी नहीं हुए। पर आखिर ऐसी क्या वजह है कि फिलिस्तीन को अब तक इतने प्रयासों के बाद भी UN की सदस्यता नहीं मिली ? लेकिन इन सबसे पहले समझ लेते है कि UN है क्या ?
संयुक्त राष्ट्र एक अन्तर्राष्ट्रीय संगठन है, यह अन्तर्राष्ट्रीय कानून को सुविधाजनक बनाने के सहयोग, अन्तर्राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति, मानव अधिकार और विश्व शान्ति के लिए कार्यरत है। वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र में 193 सदस्य शामिल है ।
आखिर क्यों नहीं मिली फिलिस्तीन को UN की सदस्यता ?
फिलिस्तीन अभी संयुक्त राष्ट्र का नॉन-मेंबर ऑबर्जवर स्टेट है। इसका मतलब होता है की फिलिस्तीन अभी UN के सेशन्स में शामिल तो हो सकता है पर किसी भी मुद्दे पर अपनी वोटिंग नहीं कर सकता है। 2011 में भी फिलिस्तीन UN की पूर्ण सदस्यता के लिए आवेदन दे चुका है पर तब भी इस मुद्दे पर सबकी सहमति नहीं बनी थी । और अब अमेरिका फिलिस्तीन की पूर्ण सदस्यता पर अड़ंगा डाल रही है। दरअसल UN की पूर्ण सदस्यता के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 15 सदस्यता जनरल बॉडी में से 9 की मंजूरी चाहिए। इसके साथ ही 5 परमानेंट सदस्यों की भी मंजूरी चाहिए होती है। और अगर इनमें से कोई भी वीटो कर दे तो प्रस्ताव ख़ारिज हो जाता है।
अमेरिका ने फिलिस्तीन की UN सदस्यता पर क्यों डाला अड़ंगा ?
अमेरिका के प्रतिनिधि रॉबर्ट वुड ने कहा कि अमेरिका ये मानता है कि, “फिलिस्तीन को अलग देश का दर्जा देने का सबसे सही रास्ता इजरायल और उसके बीच सीधी बातचीत ही है। अमेरिका फिलिस्तीन को अलग देश का दर्जा देने के खिलाफ़ नही है, लेकिन हमारा मानना है कि दोनों पक्षों में आपसी बातचीत से ही सब कुछ तय हो।”